शहर में नहीं थम रही है गौतस्करी सेवा आयोग के सदस्य ने व्यक्त की चिंता

आप की आवाज
*लैलूंगा में थम नही रही गौतस्करी
*सेवा आयोग के सदस्य शेखर त्रिपाठी गौवंशो की हालात देख हुए भावुक…
लैलूंगा- जिला कलेक्टर के आदेश से बंद हुए मवेशी बाजार हाड़ीपानी के बावजूद गौतस्करी थम नही रही है। विकासखंड के अंतर्गत ग्राम लारीपानी में करीब 350 मवेशियों को ग्रामीणों द्वारा तस्करों के चंगुल से छुड़ाया गया है। इन मवेशियों को रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात को अंधेरे में उड़ीसा की ओर ले जाया जा रहा था। बड़ी संख्या में मवेशियों को क्रूरता पूर्वक हांकते हुए जंगल के रास्ते उड़ीसा की ओर ले जाए जाने की सूचना मिलते ही सरपंच और ग्रामीणों ने इकट्ठा होकर पूछताछ करनी शुरू की।
    सरपंच और ग्रामीणों ने बताया कि मवेशियों को ले जाने वाले लोगों के पास कोई दस्तावेज नहीं थे।ऐसे में ग्रामीणों के आक्रोश से भयभीत मवेशी खदेडी मौका पाकर अंधेरे में ही भाग निकले। जिसके बाद ग्रामीणों द्वारा मवेशियों को लाकर लारीपानी के स्कूल में रखा गया। ग्रामीणों द्वारा इसकी सूचना रात में ही थाने को दी। साथ ही गौ सेवा आयोग के सदस्य शेखर त्रिपाठी को दी गई। सूचना मिलने पर त्रिपाठी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
इतनी बड़ी संख्या में एकत्रित मवेशियों को देखकर उन्होंने भी हैरानी जाहिर की, स्वयं निरीक्षण कर मवेशियों की स्थिति देखी। उन्होंने पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को बुलाकर मवेशियों की जांच करने के निर्देश दिए वहीं उनके लिए तत्काल चारा और पानी की व्यवस्था करने की हिदायत भी ग्रामीणों को दी।
       एसडीओपी धर्मजयगढ़  दीपक मिश्रा को भी दी गई। दीपक मिश्रा क्षेत्र से हो रही मवेशियों को अवैध तस्करी को रोकने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। श्री मिश्रा के निर्देश पर लैलूंगा थाने से प्रभारी बी एस पैंकरा भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से वस्तुस्थिति की जानकारी ली।
मवेशियों की संख्या और स्थिति को देखकर इन मवेशियों की तस्करी किए जाने की बातों को बल मिल रहा है। दूसरी ओर सैकड़ों मवेशी ऐसे भी मिले जिनके खुरों में नाल ठुकी हुई थी। ऐसे में माना यह जा रहा है कि इन मवेशियों को दूर-दराज के इलाकों से खरीदने के बाद इनके पैरों में नाल ठोक दिए गए ताकि इन्हें जल्दी से जल्दी हांककर छग की सीमा के पार ले जाया जा सके। उन्होंने बताया कि मवेशियों के खुरों में नाल ठोका जाना कानूनन अपराध है। हैरान करने वाली बात यह रही कि बड़ी संख्या में मवेशी होने के बावजूद कोई भी इन पर मालिकाना अधिकार का दावा करने नहीं पहुंचा। ऐसी स्थिति में इनकी तस्करी किए जाने की बात भी पुख्ता मानी जा रही है। इसे एक गंभीर मामला बताते हुए मवेशियों के साथ बरती जा रही क्रूरता और तस्करी के मामलों से उन्होंने गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष रामसुंदर दास महंत को भी अवगत कराने की बात कही है।
गौशाला और गोठानों के सुपुर्द किए गए मवेशी ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाते हुए तस्करों के चंगुल से मवेशियों को छुड़ा तो लिया परंतु बड़ी संख्या में गौवंशो की स्थिति को देखते हुए गौ सेवा आयोग के सदस्य त्रिपाठी ने गौ सेवा आयोग के अधिकारियों से संपर्क कर क्षेत्र के आस-पास पड़ने वाली गौशाला और गोठानों की जानकारी हासिल की। वहीं इनके संचालकों से चर्चा कर गोठानों की क्षमता अनुसार सभी मवेशियों को 50 और 100 के समूहों में बांटकर अलग-अलग गोठानों के लिए रवाना किया गया।त्रिपाठी ने मौके पर ही मौजूद रहकर यह सुनिश्चित किया कि मवेशियों को गौशाला और गोठानों में भेजा जाए वहीं उन्होंने सभी संचालकों को मवेशियों के लिए चारा और पानी के समुचित इंतजाम किए जाने को लेकर सख्त हिदायत भी दी है ।
गौतस्करी रोकने प्रेस क्लब के अशोक भगत,शेखर जायसवाल, पिंटू जायसवाल,प्रमोद प्रधान,आदित्य बाजपेयी,अशोक महंत तथा कांग्रेस आई टी सेल जितेंद्र ठाकुर की विशेष भूमिका रही। वही सरपंच लरिपानी ने भी ग्रामीणों के साथ मिलकर तस्करों के चंगुल से गौवंश को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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